Nimbu se Bawaseer ka Ilaj - निम्बू से बवासीर का इलाज

जो बवासीर से पीड़ित है वो इस तकलीफ से छुटकारा पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. अगर डॉक्टर कहे की ऑपरेशन करना है तो मान लेते है और काफी पैसा खर्च हो जाता है. इस के बाद भी बवासीर होने की सम्भावना रहती है. कई बार इस प्रकार की समस्या के लिए देसी उपचार जो सदियों से चलते आये है वही कारगर साबित होते है. ऐसा ही एक नुस्खा है बवासीर के पुरानी शिकायत दूर करने के लिए वोह अंदरूनी बवासीर हो या बाहरी. यह है निम्बू से करें बवासीर का इलाज -

बवासीर के इलाज में निम्बू और काला नमक 

बवासीर बाहर नहीं निकली है और अतिशय पीड़ादायक नहीं है तो यह नम्बू और काला नमक से बवासीर का इलाज करे. अगर सिर्फ थोड़ासा रक्त स्त्राव होता है मॉल त्याग के समय तो आप यह काला नमक और निम्बू का इलाज करे बवासीर के लिए. इसको इस्तेमाल करने की पद्धति बिलकुल सरल है. एक निम्बू के दो टुकड़े करे. एक टुकड़े पर काला नमक छिड़क दे और चूसे और फिर इसी प्रक्रिया को दोहराये निम्बू का रस ख़तम होने तक. एक हफ्ते तक यह विधि करे तो काफी फर्क महसूस होगा. अगर फायदा होता है तो यह इलाज आगे करते रहे और कोई फक्र नहीं है तो कुछ और बवासीर हटाने का तरीका अपनाये.

निम्बू और कत्था से बवासीर का इलाज

जिन्हे रक्तचाप की शिकायत है तो वो शायद किसी भी प्रकार का नमक पसंद न करे. उन के लिए नमक के बजाय कथ्था उचित रहता है. यह निम्बू-कथ्था बवासीर का इलाज इस प्रकार करे:
•निम्बू की काट के दो टुकड़े करे. बीज निकाल दे.
•निम्बू के टुकड़े पर पिसा हुआ कत्था लगा के दबा दे और रात भर रहने दे.
•सुबह यह निम्बू को जूस के रस का सेवन कर ले.
•कत्था रक्त वाहिनी को संकुचित कर के खून का बहाव बंद कर देगा.

निम्बू और गाय का ताजा दूध से बवासीर का इलाज 

आयुर्वेद के विषेशज्ञो का कहना है की खूनी और बड़ी बवासीर के लिए यह गाय का दूध और निम्बू का उपचार उत्तम है. निम्बू और दूध से बवासीर का इलाज इस प्रकार करे:
•हो सके तो गाय का तजा दूध ले. पैक किया दूध का इस्तेमाल इतना लाभदायी शायद न हो.
•दूध ताजा ही ले और इसे न उबले. फ्रिज में रखा हुआ दूध का इस्तेमाल हो सके वहां तक न करे. अगर रखा है तो बहार निकल के साधारण तापमान आने तक रहने दे.
•एक कप जितना यह दूध ले
•इस में एक निम्बू का रस निचोड़ ले और तुरंत घुटक जाए.
•हो सके तो खाली पेट यह बवासीर का इलाज करे.
•लगातार एक हफ्ते तक यह करे तो पुरानी और जटिल बवासीर भी ठीक होने लगेगी.

कई लोगो ने गाय का दूध न मिलने पर बकरी के दूध का उपयोग किया है तो आप भी ऐसा कर के देख सकते है.

सिर्फ इसी उपाय पर निर्भर न रहे. साथ में परहेज भी रखना होता है और आप चाहे तो आहार और जीवन शैली में परिवर्तन लाये बवासीर से मुक्ति पाने के लिए.

जब यह इलाज जारी है तो बवासीर से आप परेशान रहेंगे. इस के लिए आप ताजे बिना नमक वाले माखन या गाय का घी का इस्तेमाल करे बवासीर पर. माखन और तिल का सेवन भी करते रहे.

निम्बू से बवासीर का इलाज

आहार बवासीर के लिए 

यह निम्बू और दूध का इलाज शुरू करे तो अनुकूल आहार भी ले जिस से मल ढीले और नरम रहे और मल त्याग में कष्ट न हो.

•रेशेदार सब्जी खाये और मिर्च मसाले को बिलकुल बंद कर दे.
•दलिया, दाल और ऐसे अन्न का सेवन करे जिस में रेशे ज्यादा हो और जिस से मल त्याग आसान हो. साथ में घी अवश्य खाये ताकि यह मल को और आंतो को लचीला बना दे.
•सर्दियों में मूली अवश्य खाये.

प्राणायाम और योग जरूर करे

नीबू से बवासीर का इलाज करते रहे और साथ में प्राणायाम करे. प्राणायाम में ख़ास कपालभाती करे और वोह भी कम से कम 20 मिनट तक. सवेरे उठ के थोड़े योगासन करे.

•योगासन में फायदेकारक है अश्विनी मुद्रा जो करने के लिए पद्मासन में बैठ जाए. अब अपने गुदा द्वार को अंदर की और संकुचित करे और 10  से 15 सेकंड तक बनाये रखे. फिर ढीला कर दे और फिर से यह क्रिया दोहराये.
•दूसरा योगासन है मूलबन्धासन. पद्मासन में बैठ जाये. गहरी सास ले. अपने पेट को संकुचित करे अंदर और ऊपर की और. सांस बंद कर के थोड़े पल रुक जाये और फिर धीमे से बाहर निकालें. यह क्रिया 10 बार करे.
•तीसरा आसान है सर्वांगासन. जमीं पर लेट जाए हाथो को अपने शरीर के बाजू में रखे. पेट से नीचे का भाग याने के नितम्ब और पैरो को हवा में उठा के सीधा ऊपर कर दे और हाथो से कमर को पकड़ के सहारा दे. एक से दो मिनट तक यह आसन बनाये रखे.

 पुरानी और जटिल बवासीर से छुटकारा पाना मुश्किल है नामुमकिन नहीं अगर आप समय दे और इस पर ध्यान दे. यह ऊपर बताये प्राकृतिक बवासीर का इलाज करे और देखे कैसे परिवर्तन आता है |





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